Thursday, August 4, 2016

यकीनन .. यकीन मानिए जनाब ... !

दरअसल हमें ही
अपने मिजाज बदलने थे

थोड़े ख्याल बदलने थे
थोड़े-थोड़े सवालों के जवाब बदलने थे

यकीनन .. यकीन मानिए जनाब
हम ...

तमाम इम्तहानों में ...
न जाने .. कब के .. पास हो गए होते ?

~ श्याम कोरी 'उदय'

No comments: