Wednesday, January 28, 2015

पतंग …

पतंग … इतनी लंबी पूँछ … वाह … शायद मैंने पहले नहीं देखी … ?

Monday, January 26, 2015

थप-थपी ...

उफ़ ! तेरी खूबसूरती देखूँ, या तेरी मुस्कान मैं देखूँ
करूँ तो क्या करूँ यारा… नजर हटती नहीं तुझसे ?
साहित्य में अब, कट्टों, तमंचों और तोपों का दौर है 'उदय'
अड़ाओ, दिखाओ, चमकाओ, ठोको, औ तमगे बटोर लो ?
किसी पारखी नजर का, क्यूँ करें हम इंतज़ार 'उदय'
मिजाज अपने, पीठ अपनी औ थप-थपी भी अपनी ?
 …
हम उनसे भी मिलेंगे, और.……… उनसे भी
देखते हैं, किससे दिल औ जज्बात मिलते हैं ?

Friday, January 23, 2015

आधी आबादी : पूरा सच !

महिलाओं की क्षमता, योग्यता व प्रधानता इन तस्वीरों में देखी जा सकती है … भले चाहे यह समाज पुरुष प्रधान है किन्तु महिलाओं की भूमिका अतुलनीय है …
( तस्वीरें - छत्तीसगढ़ से )


Thursday, January 22, 2015

कमाल …

खुद की पोस्टों को
वो खुद ही लाइक कर रहे हैं,
कुछ इस तरह
वो धका-पेल कर रहे हैं !

ऐसे नज़ारे
कदम-कदम पे देखने को मिल रहे हैं
कुछ लोग हैं
जो खुद
अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बन रहे हैं !

क्या आमिर,
क्या नरेंद्र,
और क्या 'उदय',
सब के सब तो
ये कमाल … हर रोज कर रहे हैं ???

Wednesday, January 21, 2015

ठण्ड का असर …



ठण्ड का असर … दिनदहाड़े भी देखा जा सकता है … 
( तस्वीरें - बिलासपुर छत्तीसगढ़ से )

Friday, January 9, 2015

लाजवाब ...

खून-औ-स्याही की कद्र करो
अभी खूब इंकलाब बाकी हैं ?

लफ्फाजियों का दौर है 'उदय', लफ्फाजियों की बस्ती है
क्या तिगड्डा, क्या चौगड्डा, क्या गली, क्या चौबारा ?
कसम उनकी भी लाजवाब है 'उदय'
तड़फ-तड़फ के मर जायेंगे पर हमें न पुकारेंगे ?

( मित्रो, आजकल मैं इस ब्लॉग पर भी उपस्थित हूँ … आप सभी का सादर स्वागत है …
http://shyamkoriuday.blogspot.in/ 
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Thursday, January 1, 2015

नया साल

चलो. बढ़ें, गढ़ें …
कुछ नया ....... नये साल में, 

जीवन की आपा-धापी से
चुनें … कुछ लम्हें … नये साल में
दें आकार उन्हें … हम सदियों-सा,

कुछ करें, कुछ ऐसा कर जायें
पदचिन्ह हमारे …
युगों-युगों तक रह जायें, 

चलो, बढ़ें, गढ़ें …
कुछ नया ....... नये साल में !