"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
मोहब्बत ऐसी ही चीज़ है!
............. अनुपम भाव संयोजनRecent Post …..दिन में फैली ख़ामोशी
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