Saturday, May 3, 2014

झल्लाहट ...

वे दांतों को बार-बार मीस रहे हैं 
और 
आँखों को …
चकरघन्नी की तरह इधर-उधर घुमा रहे हैं, 

उनकी मुट्ठियाँ में भी बेचैनी तिलमिला रही है 
और तो और 
उनका दिमाग भी झल्लाया हुआ है,

वे आग बबुला हैं
उनसे दूर रहो, बहुत दूर ...

गर वो चुनाव हार गए … तो …
जो … उनके सामने होगा, पास में होगा 
उसे वे …
कच्चा भी चबा सकते हैं ???

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