Thursday, April 24, 2014

कंत्री ...

वो, बार बार सरहद की ही बातें उछाल रहे हैं 
क्या हम जंग के लिए तैयार हो जाएँ 'उदय' ?
… 
सच ! उनकी भडवाई चरम पर है 'उदय' 
सुबह, दोपहर, शाम, सिर्फ उनकी जय ?
… 
सत्ता सस्ती हो गई है भईय्या 
जब से, मंहगाई मंहगी हुई है ?
… 
क्या मंत्री, क्या संत्री 
सब के सब हैं कंत्री ?
… 
उफ़ ! रहम और बेरहम दोनों उसी के नाम हैं 
मुहब्बत करने से पहले हमें ये जांचना था ? 
… 

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