Thursday, January 16, 2014

शातिर ...

इतने भी नहीं, उतने भी नहीं 
अब … 
तुम ही कहो, तुम कितने हो ? 

शातिर तो हो … 
ये तय है सनम 

पर कितने हो 
ये तय … 
तुम ही करो, तुम ही करो ??

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

स्व-मूल्यांकन कर लें सभी, अपना अपना।