सच ! चाटुकारों की बातों पे तू एतबार न कर
देख, आईना खुद बयां कर रहा है सूरत तेरी ?
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खोखले हो चुके दरख्तों की, कोई हमसे उम्र न पूछे
उनके बाजु से चलो … तो तनिक संभल के चलो ?
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वो जब भी मिले हैं, मुस्कुरा-मुस्कुरा कर ही मिले हैं
फिर भी बहुत दिल दुखाया है उनकी खामोशियों ने ?
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सच ! उनकी तो आदत है, बात बात पे मुस्कुराने की
गर तुम उनसे मिलो, तो तनिक संभल के मिलो ??
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