मुश्किल घड़ी में,... ये कैसा इम्तिहान है 'उदय'
जवाब ख़त्म होने को हैं पर उनके सवाल नहीं ?
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सच ! किसी न किसी से, तुम हर पल घिरे होते हैं
अब कैसे सुनायें तुम्हें, हम अपने दिल की यारा ?
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न वफ़ा, न बेवफाई
मेरे महबूब......... ये कैसे रिवाज हैं ?
2 comments:
बहुत बढिया!!
बहुत ख़ूब हैं ये रिवाज
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