Wednesday, August 15, 2012

तुम्हें किसने रोका है ?


हम ढोंगी हैं 
पाखंडी हैं 
धंधेबाज हैं 
फांदेबाज हैं 
जो जी चाहे तुम्हारा, समझो !
तुम्हें किसने रोका है ? 
चोर हैं 
उचक्के हैं 
दलाल हैं 
मगर हम, फिर भी सरकार हैं !
हम अपनी मर्जी के हैं 
मर्जी के रहेंगे 
मर्जी का करेंगे 
जो जी चाहे तुम्हारा, समझो !!
तुम्हें किसने रोका है ??

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

राजा हम, स्वीकार करो अब..