Monday, June 18, 2012

टेक-ओवर ...


अब मेरे जख्मों को तू इतना भी मत कुरेद 
कि - दर्द मिट कर कहर बन जाए तुझपे !!
...  
उफ़ ! जिधर देखो उधर झुनझुनों का राग है 
चाटुकारिता के दौर में, हुई बांसुरी बेराग है ? 
... 
आओ 'उदय', किसी गैंग को टेक-ओवर कर लें 
वैसे भी, नई बनाने की, फुर्सत यहाँ है किसको ? 

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