Wednesday, April 25, 2012

सफ़र ...

हे 'खुदा', जो आलम, तूने 
कदम कदम पे 
दिखाया है मुझको !
किसी और को, मत दिखाना 
यहाँ 
हर कोई, मेरी तरह 
सफ़र में 
धूप को सह न पायेगा !!

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

मेरे दुख न और गहें..

sangita said...

bhavna pradhan post .aabhar.