Wednesday, March 7, 2012

रंगों की होली ...

देख ! संभल के रहना, आज रंगों की होली है
हर किसी के हौंठों पे, "बुरा न मानो होली" है !
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जी तो चाहता है आज तुझे मच-मचा के रंग दें
उफ़ ! जानते हैं, रंगों से कितनी एलर्जी है तुझे !
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कल भी, कल की तरह जियादा हो गई थी 'उदय'
फिर आज तो "बुरा न मानो होली" है !

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

रंगों से लगाव कर लीजिये..