Sunday, March 4, 2012

आधुनिक किताबें ...

मेरी कविता
रोज लिखी जाती है
रोज छपती है
और रोज प्रकाशित हो जाती है
और तो और
उस पर
पाठकों की प्रतिक्रिया
अच्छी, बुरी, मिलीजुली
त्वरित मिल जाती है
मैं आधुनिक कवि हूँ
ब्लॉग, फेसबुक ...
मेरी आधुनिक किताबें हैं !!

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

सच कहा, आधुनिक किताबें हैं ये..

Asha Lata Saxena said...

सच लिखा है आज की कविता अकविता है जिस पर त्व्ररित टिप्पणी मिल जाती है और कवि या लेखक खुश हो जाता है |कई बार विचार आता है क्या यह भी क्या यह रचानाए साहित्य के नाम पर पढ़ी जाएंगी
आशा