Saturday, February 4, 2012

वोट ...

सच ! हर बार की तरह
इस बार भी
उनकी मंशा ठीक नहीं है
बार बार
सिर्फ वोट की बात कर रहे हैं
वोट मांग रहे हैं
वोट हमें दो, कह रहे हैं
सिर्फ ... वोट ... वोट ...
कोई और बात नहीं !
उफ़ ! क्या किया जाए ??