Friday, January 20, 2012

पूर्णता ...

सच ! जी चाहता है
तेरे -
चमकते
दमकते
ख़ूबसूरत चेहरे पर
कहीं, किनारे -
काजल का टीका लगा कर
माथे पर
एक सिंदूरी बिंदिया लगा दूं !
और कह दूं !!
सभी से
कि -
मेरी कविता पूर्ण हो गई है !!