Monday, August 3, 2009

बोल-अनमोल

* 40 *
“मैं एक सिद्धांत पर कार्य करता हूँ कि क्या सकारात्मक है और क्या सकारात्मक हो सकता है।”
* 39 *
“आँगन में ऎसे पौधे न लगाएं जिसमे काँटे हों, फूल हों तो ठीक है न हों तो भी ठीक है।”
* 38 *
“लालच व बेइमानी अदभुत शक्तियाँ हैं जो मनुष्य को अपना गुलाम बना लेती हैं।”
* 37 *
“सपने देखना जितना महत्वपूर्ण है उससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण सपनों को साकार करने हेतु उठाए गये कदम हैं।”
* 36 *
“मेरी कार्य योजनाएँ कितनी सकारात्मक व उपयोगी हैं यह देखना भी मेरा दायित्व है।”
* 35 *
“भ्रष्टाचार में लिप्त व्यक्ति हर क्षण भ्रष्टाचार के नये-नये उपाय ढूँढते रहता है उसके पास परिवार व समाज हित के लिये वक्त ही नही होता।”
* 34 *
“सफलताएँ उनके कदमों को चूमतीं हैं जो सफलताओं की ओर कदम बढाते हैं”